इच्छा शक्ति की जीत
इच्छाशक्ति का मतलब है, किसी व्यक्ति का अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कम्यूनिटी के गुट का विरोध करना और अपने उद्यम को नियंत्रित करने की क्षमता प्राप्त करना. इसे आत्म-नियंत्रण, निर्देश, या संकल्प भी कहा जाता है। इच्छाशक्ति से जुड़ी कुछ और बातें:
- इच्छाशक्ति से व्यक्ति को अपना लक्ष्य प्राप्त करने के लिए दस्तावेज़ में मदद मिलती है।
- इच्छाशक्ति से व्यक्ति को रिजॉल्यूशन में मदद मिलती है।
- इच्छाशक्ति से व्यक्ति को अपने लक्ष्य की ओर बढ़ने में मदद मिलती है।
- इच्छाशक्ति से व्यक्ति को अपनी पसंद को अच्छा उदाहरण के साथ जोड़ने में मदद मिलती है।
- इच्छाशक्ति से व्यक्ति को कठिन राइफल में बने रहने में मदद मिलती है।
- इच्छाशक्ति को बढ़ाने के लिए योगाभ्यास, ध्यान और मंत्रोचारण किया जा सकता है।
- इच्छाशक्ति को बढ़ाने के लिए मन को जो काम पसंद है, उसे नहीं करना चाहिए।
- इच्छाशक्ति को बढ़ाने के लिए दिन में एक घंटा तय करके विशेष विषय पर विचार करना चाहिए।
- इच्छाशक्ति के कुछ उदाहरण ये रहे:
- सारा ने छोटी उम्र में ही लक्ष्य बना लिया था कि वह नशा करना चाहती हैं। उन्होंने कॉलेज के दौरान रेस्तरां में सर्वर के लिए शिक्षा का खर्च उठाया। इस दौरान उन्होंने पार्टी की और यात्रा की और बिना अधिक कर्ज के स्नातक की डिग्री हासिल की।
- बिहार के जिले के गहलौर गांव के दीपोत्सव ने अपनी पत्नी के निधन के बाद गांव और शहर के बीच पहाड़ को अकेला बना दिया। उन्होंने लगभग 22 किलोमीटर तक की दूरी तय की और लगभग 70 किलोमीटर की दूरी को 15 किलोमीटर के रास्ते में बदल दिया।
- सैन डियागो (कैलिफ़ोर्निया) के चार्ल्स हैटफ़ील्ड ने अपनी इच्छाशक्ति के हथियार मूसलधार रेन बुलाया था। उन्हें 'कमांडर ऑफ नेचर' और 'किंग ऑफ क्लाउड कंपेलर्स' की डिग्री से नवाजा गया।
- अपनी मानसिक ऊर्जा इनमें नष्ट ना करे
- व्यर्थ की बातें में, निरर्थक कार्यों में, बेकार की बहस बाजी में, थोथे विवादों में, उल्टी - सीधी और बेसिर - पैर की कल्पनाओं में, परिचर्चाओं में, दिव्यासपनों में, कामुक विचारों में, बेबुनियाद भयो में, दूसरों में दोष ढूंढने में एवम् उन चीजों के लिए परेशान होने में जिससे हमारा दूर तक कोई सम्बन्ध न हो।
प्रेरणादायक कथन- "इच्छा शक्ति के भाव में आप कुछ नहीं कर सकते"
- इच्छा शक्ति सेभरपूर व्यक्ति आत्मविश्वासी भी होता हैं।
- भाग्य भी वीरों का साथ देना है।
- अपना काम देखो, अपना निर्णय स्वयं करो। बराबर दिनचर्या बनाकर काम करो। तुम्हारा काया कल्प हो जाएगा।
- गुड़ नहीं तो मीठा नहीं, श्रम नहीं तो मूल्य नहीं।
- सारा ने छोटी उम्र में ही लक्ष्य बना लिया था कि वह नशा करना चाहती हैं। उन्होंने कॉलेज के दौरान रेस्तरां में सर्वर के लिए शिक्षा का खर्च उठाया। इस दौरान उन्होंने पार्टी की और यात्रा की और बिना अधिक कर्ज के स्नातक की डिग्री हासिल की।






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